महीन आटा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और फाइबर उतना ही कम। फाइबर कम होने की वजह से शुगर तेजी से बढ़ता है और मेटाबोलिज्म स्लो रहता है। ऐसी स्थिति में आपको आटा नहीं, इससे निकलने वाले चोकर का सेवन करना चाहिए।
लाइफ स्टाइल से जुड़ी शुगर की बीमारी का ग्राफ देश दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसी बीमारी है जो लाइलाज है। ऐसे में आप इसे केवल कंट्रोल कर सकते हैं। बता दें इसे कंट्रोल करने के लिए आपको डाइट बेहतर करनी होगी। डाइट में अगर आप महीन आटे की रोटियां खाते हैं तो इससे आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है। दरअसल, महीन आटा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और फाइबर उतना ही कम। फाइबर कम होने की वजह से आपका शुगर तेजी से बढ़ता है और मेटाबोलिज्म स्लो रहता है। ऐसी स्थिति में आपको आटा नहीं, इससे निकलने वाले चोकर का सेवन करना चाहिए।
डायबिटीज में चोकर कैसे है फायदेमंद?
चोकर का दरदरापन शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करता है और इसके स्पाइक को रोकता है। इसका फाइबर शुगर सोखने में मददगार है और पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। इससे होता ये है कि खाने से निकलने वाला शुगर अपने आप पच जाता है। चोकर का आटा इंसुलिन प्रोडक्शन में मददगार है। ये शरीर में इंसुलिन हार्मोन को तेज करने के साथ, इसके प्रोडक्शन को बढ़ाता है। ये इंसुलिन खून में शुगर को मिलने से रोकता है और डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार है। चोकर शुगर स्पाइक को रोकता है और फास्टिंग शुगर को बढ़ने नहीं देता। इसके अलावा ये शुगर में कब्ज की समस्या को दूर करता है क्योंकि ये बॉवेल मूवमेंट को तेज करता है, आंतों की गति बढ़ाता है जिससे, शुगर मैनेज करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज में चोकर का कैसे करें सेवन?
डायबिटीज में चोकर खाने के लिए पहले, आटे से चोकर निकाल कर रख लें। या फिर ज्यादा चोकर वाला आटा ही खरीद दें। इसे ऐसे समझें कि अगर आप 1 कप आटा लें तो 2 कप इसमें चोकर मिलाएं। फिर इससे आप रोटी बनाएं या थेपला, सेहत के लिए सब फायदेमंद होगा। तो, इन तमाम कारणों से आपको डायबिटीज में आटे के चोकर का सेवन करना चाहिए।